हिंद देश का प्यारा झंडा ऊँचा सदा रहेगा,
ऊँचा सदा रहेगा झंडा ,ऊँचा सदा रहेगा !!
शान हमारी यह झंडा है यह अरमान हमारा ,
यह बालपौरूश है सदियों का ,यह बलिदान हमारा,
जहाँ जहाँ यह जाए झंडा यह संदेश सुनाए ,
है आज़ाद हिंद यह दुनिया को आज़ाद करेगा,
ऊँचा सदा रहेगा झंडा ऊँचा सदा रहेगा !!
केसरिया बल भरने वाला सदा है सच्चाई ,
हरा रंग है हरी हमारी , धरती की अंगराए ,
कहता है यह चक्र हमारा ,क़दम ना कहीं रूकेगा,
ऊँचा सदा रहेगा झंडा ऊँचा सदा रहेगा
हिंद देश का प्यारा झंडा ,ऊँचा सदा रहेगा !!
नही चाहते हम दुनिया मे अपना राज ज़माना ,
नही चाहते औरों के मुँह की रोटी खा जाना ,
सत्य न्याय के लिए हमारा लोहू सदा बहेगा,
ऊँचा सदा रहेगा झंडा, ऊँचा सदा रहेगा !!
हम कितने सुख सपने लेकर इसको फाहरते है ,
इश् झंडे पैर मार मिटने की कसम सभी खाते है
ऊँचा सदा रहेगा झंडा ऊँचा सदा रहेगा ,
हिंद देश का प्यारा झंडा ऊँचा सदा रहेगा !!
जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद !!
जय हिंद
सं ज ई या.
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3 comments:
This poem is NOT by me. When I was in primary school, we used to sing this on every 15th August and 26th January.
Good Hai mere sher... ab tum kabi bhi ban gaya...
Kavitayen aachi hai. Parh kar man hara bhara ho gaya.
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